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Thursday, August 11, 2016

Aa Hamsafar Pyaar Kee Sej Par Lyrics from Chatpatee

Song
: Aa Hamsafar Pyaar Kee Sej Par
Movie
: Chatpatee
Singer(s)
: Kishore Kumar, Lata Mangeshkar
Music By
: Basu Chakravarty, Manohari
Lyricist(s)
: Yogesh Gaud
 Aa aa aa........

 (Aa hamsafar pyaar kee sej par, kuchh kahe kuchh sune
 Jaag ke raat bhar hamsafar) - (2)

 Itana pyaar too sanam laaya hai kaha se
 Itana rup too sanam laayee hai jaha se
 Mai jo bhee hu woh hai tere pyaar kaa asar
 Kahee lag naa jaaye tujhako meree najar
 Aa hamsafar pyaar kee sej par, kuchh kahe kuchh sune
 Jaag ke raat bhar aa aa aa aa hamsafar

 Aao aaj mile kuchh toh kho ke paale
 Aao aaj lutake kuchh toh ham churaale
 Kahu kya mai dil me uth rahee hai kya lahar
 Gale mujhase milke, ho jaa too bekhabar
 Aa hamsafar pyaar kee sej par, kuchh kahe kuchh sune
 Jag ke rat bhar aa aa aa hamsafar
 Pyaar kee sej par, kuchh kahe kuchh sune
 Jaag ke raat bhar aa hamsafar
 आ आ आ........

 (आ हमसफ़र प्यार की सेज पर, कुच्छ कहे कुच्छ सुने
 जाग के रात भर हमसफ़र) - (2)

 इतना प्यार टू सनम लाया है कहा से
 इतना रूप टू सनम लाई है जहा से
 मई जो भी हू वो है तेरे प्यार का असर
 कही लग ना जाए तुझको मेरी नज़र
 आ हमसफ़र प्यार की सेज पर, कुच्छ कहे कुच्छ सुने
 जाग के रात भर आ आ आ आ हमसफ़र

 आओ आज मिले कुच्छ तो खो के पाले
 आओ आज लूटके कुच्छ तो हम चुराले
 काहु क्या मई दिल मे उठ रही है क्या लहर
 गले मुझसे मिलके, हो जेया टू बेख़बर
 आ हमसफ़र प्यार की सेज पर, कुच्छ कहे कुच्छ सुने
 जाग के रत भर आ आ आ हमसफ़र
 प्यार की सेज पर, कुच्छ कहे कुच्छ सुने
 जाग के रात भर आ हमसफ़र

Aa Dekhen Jara Lyrics from Rocky

 Song
: Aa Dekhen Jara
Movie
: Rocky
Singer(s)
: Asha Bhosle, Kishore Kumar, R D Burman

 Shala...
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya
 Shala...
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya

 Aage nikal aaye hum woh pichhe reh gaye - 2
 Upar chale aaye hum woh nichhe reh gaye - 2
 Woh humse haarenge hum baaji maarenge
 Hum unse kya hai kam
 Naachenge aaise hum - 2 naachenge woh kya
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya

 Saare shehar mein hami hai humsa kaun hai - 2
 Dekho idhar hum yahi hai humsa kaun hai - 2
 Dekhenge dekha hai jaadu kya aaisa hai
 Yaaron se jalne ka kaaton pe chalne ka
 Kaaton pe chalne ka kya hai faayda
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya
 Aa dekhen jara kismein kitna hai dam
 Jamke rakhna kadam mere saathiya
शाला...

 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया
 शाला...
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया

 आयेज निकल आए हम वो पिच्चे रह गये - 2
 उपर चले आए हम वो निच्चे रह गये - 2
 वो हुंसे हारेंगे हम बाजी मारेंगे
 हम उनसे क्या है कम
 नाचेंगे आइसे हम - 2 नाचेंगे वो क्या
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया

 सारे शहर में हामी है हुँसा कौन है - 2
 देखो इधर हम यही है हुँसा कौन है - 2
 देखेंगे देखा है जादू क्या आइसा है
 यारों से जलने का कातों पे चलने का
 कातों पे चलने का क्या है फ़ायडा
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया
 आ देखें ज़रा किस्में कितना है दम
 जमके रखना कदम मेरे साथिया

Thursday, June 9, 2016

Kahani बैताल पच्चीसी

बहुत पुरानी बात है। धारा नगरी में गंधर्वसेन नाम का एक राजा रहा  करते थे। उसके चार रानियाँ थीं। उनके छ: लड़के थे जो सब-के-सब बड़े ही चतुर और बलवान थे।  एक दिन राजा की मृत्यु हो गई और उनकी जगह उनका बड़ा बेटा शंख गद्दी पर बैठा। उसने कुछ दिन राज किया, लेकिन छोटे भाई विक्रम ने उसे मार डाला और स्वयं राजा बन बैठा। उसका राज्य दिनोंदिन बढ़ता गया और वह सारे जम्बूद्वीप का राजा बन बैठा। एक दिन उसके मन में आया कि उसे घूमकर सैर करनी चाहिए और जिन देशों के नाम उसने सुने हैं, उन्हें देखना चाहिए। सो वह गद्दी अपने छोटे भाई भर्तृहरि को सौंपकर, योगी बन कर, राज्य से निकल पड़ा।


उस नगर में एक ब्राह्मण तपस्या करता था। एक दिन देवता ने प्रसन्न होकर उसे एक फल दिया और कहा कि इसे जो भी खायेगा, वह अमर हो जायेगा। ब्रह्मण ने वह फल लाकर अपनी पत्नी को दिया और देवता की बात भी बता दी। ब्राह्मणी बोली, “हम अमर होकर क्या करेंगे? हमेशा भीख माँगते रहेंगें। इससे तो मरना ही अच्छा है। तुम इस फल को ले जाकर राजा को दे आओ और बदले में कुछ धन ले आओ।”


यह सुनकर ब्राह्मण फल लेकर राजा भर्तृहरि के पास गया और सारा हाल कह सुनाया। भर्तृहरि ने फल ले लिया और ब्राह्मण को एक लाख रुपये देकर विदा कर दिया। भर्तृहरि अपनी एक रानी को बहुत चाहता था। उसने महल में जाकर वह फल उसी को दे दिया। रानी की मित्रता शहर-कोतवाल से थी। उसने वह फल कोतवाल को दे दिया। कोतवाल एक वेश्या के पास जाया करता था। वह उस फल को उस वेश्या को दे आया। वेश्या ने सोचा कि यह फल तो राजा को खाना चाहिए। वह उसे लेकर राजा भर्तृहरि के पास गई और उसे दे दिया। भर्तृहरि ने उसे बहुत-सा धन दिया; लेकिन जब उसने फल को अच्छी तरह से देखा तो पहचान लिया। उसे बड़ी चोट लगी, पर उसने किसी से कुछ कहा नहीं। उसने महल में जाकर रानी से पूछा कि तुमने उस फल का क्या किया। रानी ने कहा, “मैंने उसे खा लिया।” राजा ने वह फल निकालकर दिखा दिया। रानी घबरा गयी और उसने सारी बात सच-सच कह दी। भर्तृहरि ने पता लगाया तो उसे पूरी बात ठीक-ठीक मालूम हो गयी। वह बहुत दु:खी हुआ। उसने सोचा, यह दुनिया माया-जाल है। इसमें अपना कोई नहीं। वह फल लेकर बाहर आया और उसे धुलवाकर स्वयं खा लिया। फिर राजपाट छोड, योगी का भेस बना, जंगल में तपस्या करने चला गया।


भर्तृहरि के जंगल में चले जाने से विक्रम की गद्दी सूनी हो गयी। जब राजा इन्द्र को यह समाचार मिला तो उन्होंने एक देव को धारा नगरी की रखवाली के लिए भेज दिया। वह रात-दिन वहीं रहने लगा।

भर्तृहरि के राजपाट छोड़कर वन में चले जाने की बात विक्रम को मालूम हुई तो वह लौटकर अपने देश में आया। आधी रात का समय था। जब वह नगर में घुसने लगा तो देव ने उसे रोका। राजा ने कहा, “मैं विक्रम हूँ। यह मेरा राज है। तुम रोकने वाले कौन होते होते?”


देव बोला, “मुझे राजा इन्द्र ने इस नगर की चौकसी के लिए भेजा है। तुम सच्चे राजा विक्रम हो तो आओ, पहले मुझसे लड़ो।”


दोनों में लड़ाई हुई। राजा ने ज़रा-सी देर में देव को पछाड़ दिया। तब देव बोला, “हे राजन्! तुमने मुझे हरा दिया। मैं तुम्हें जीवन-दान देता हूँ।”

इसके बाद देव ने कहा, “राजन्, एक नगर और एक नक्षत्र में तुम तीन आदमी पैदा हुए थे। तुमने राजा के घर में जन्म लिया, दूसरे ने तेली के और तीसरे ने कुम्हार के। तुम यहाँ का राज करते हो, तेली पाताल का राज करता था। कुम्हार ने योग साधकर तेली को मारकर शम्शान में पिशाच बना सिरस के पेड़ से लटका दिया है। अब वह तुम्हें मारने की फिराक में है। उससे सावधान रहना।”


इतना कहकर देव चला गया और राजा महल में आ गया। राजा को वापस आया देख सबको बड़ी खुशी हुई। नगर में आनन्द मनाया गया। राजा फिर राज करने लगा।

एक दिन की बात है कि शान्तिशील नाम का एक योगी राजा के पास दरबार में आया और उसे एक फल देकर चला गया। राजा को आशंका हुई कि देव ने जिस आदमी को बताया था, कहीं यह वही तो नहीं है! यह सोच उसने फल नहीं खाया, भण्डारी को दे दिया। योगी आता और राजा को एक फल दे जाता।

संयोग से एक दिन राजा अपना अस्तबल देखने गया था। योगी वहीं पहुँच और फल राजा के हाथ में दे दिया। राजा ने उसे उछाला तो वह हाथ से छूटकर धरती पर गिर पड़ा। उसी समय एक बन्दर ने झपटकर उसे उठा लिया और तोड़ डाला। उसमें से एक लाल निकला, जिसकी चमक से सबकी आँखें चौंधिया गयीं। राजा को बड़ा अचरज हुआ। उसने योगी से पूछा, “आप यह लाल मुझे रोज़ क्यों दे जाते हैं?”

योगी ने जवाब दिया, “महाराज! राजा, गुरु, ज्योतिषी, वैद्य और बेटी, इनके घर कभी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए।”

राजा ने भण्डारी को बुलाकर पीछे के सब फल मँगवाये। तुड़वाने पर सबमें से एक-एक लाल निकला। इतने लाल देखकर राजा को बड़ा हर्ष हुआ। उसने जौहरी को बुलवाकर उनका मूल्य पूछा। जौहरी बोला, “महाराज, ये लाल इतने कीमती हैं कि इनका मोल करोड़ों रुपयों में भी नहीं आँका जा सकता। एक-एक लाल एक-एक राज्य के बराबर है।”

यह सुनकर राजा योगी का हाथ पकड़कर गद्दी पर ले गया। बोला, “योगीराज, आप सुनी हुई बुरी बातें, दूसरों के सामने नहीं कही जातीं।”

राजा उसे अकेले में ले गया। वहाँ जाकर योगी ने कहा, “महाराज, बात यह है कि गोदावरी नदी के किनारे मसान में मैं एक मंत्र सिद्ध कर रहा हूँ। उसके सिद्ध हो जाने पर मेरा मनोरथ पूरा हो जायेगा। तुम एक रात मेरे पास रहोगे तो मंत्र सिद्ध हो जायेगा। एक दिन रात को हथियार बाँधकर तुम अकेले मेरे पास आ जाना।”

राजा ने कहा “अच्छी बात है।”

इसके उपरान्त योगी दिन और समय बताकर अपने मठ में चला गया।

वह दिन आने पर राजा अकेला वहाँ पहुँचा। योगी ने उसे अपने पास बिठा लिया। थोड़ी देर बैठकर राजा ने पूछा, “महाराज, मेरे लिए क्या आज्ञा है?”

योगी ने कहा, “राजन्, “यहाँ से दक्षिण दिशा में दो कोस की दूरी पर मसान में एक सिरस के पेड़ पर एक मुर्दा लटका है। उसे मेरे पास ले आओ, तब तक मैं यहाँ पूजा करता हूँ।”

यह सुनकर राजा वहाँ से चल दिया। बड़ी भयंकर रात थी। चारों ओर अँधेरा फैला था। पानी बरस रहा था। भूत-प्रेत शोर मचा रहे थे। साँप आ-आकर पैरों में लिपटते थे। लेकिन राजा हिम्मत से आगे बढ़ता गया। जब वह मसान में पहुँचा तो देखता क्या है कि शेर दहाड़ रहे हैं, हाथी चिंघाड़ रहे हैं, भूत-प्रेत आदमियों को मार रहे हैं। राजा बेधड़क चलता गया और सिरस के पेड़ के पास पहुँच गया। पेड़ जड़ से फुनगी तक आग से दहक रहा था। राजा ने सोचा, हो-न-हो, यह वही योगी है, जिसकी बात देव ने बतायी थी। पेड़ पर रस्सी से बँधा मुर्दा लटक रहा था। राजा पेड़ पर चढ़ गया और तलवार से रस्सी काट दी। मुर्दा नीचे किर पड़ा और दहाड़ मार-मार कर रोने लगा।

राजा ने नीचे आकर पूछा, “तू कौन है?”

राजा का इतना कहना था कि वह मुर्दा खिलखिकर हँस पड़ा। राजा को बड़ा अचरज हुआ। तभी वह मुर्दा फिर पेड़ पर जा लटका। राजा फिर चढ़कर ऊपर गया और रस्सी काट, मुर्दे का बगल में दबा, नीचे आया। बोला, “बता, तू कौन है?”

मुर्दा चुप रहा।

तब राजा ने उसे एक चादर में बाँधा और योगी के पास ले चला। रास्ते में वह मुर्दा बोला, “मैं बेताल हूँ। तू कौन है और मुझे कहाँ ले जा रहा है?”

राजा ने कहा, “मेरा नाम विक्रम है। मैं धारा नगरी का राजा हूँ। मैं तुझे योगी के पास ले जा रहा हूँ।”

बेताल बोला, “मैं एक शर्त पर चलूँगा। अगर तू रास्ते में बोलेगा तो मैं लौटकर पेड़ पर जा लटकूँगा।”

राजा ने उसकी बात मान ली। फिर बेताल बोला, “ पण्डित, चतुर और ज्ञानी, इनके दिन अच्छी-अच्छी बातों में बीतते हैं, जबकि मूर्खों के दिन कलह और नींद में। अच्छा होगा कि हमारी राह भली बातों की चर्चा में बीत जाये। मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ। ले, सुन।”

Aaya Hai Tere Dar Peh Savalee lyrics

Song
: Aaya Hai Tere Dar Peh Savalee
Movie
: Dastan-E-Laila Majnu
Singer(s)
: Mohammad Rafi
Music By
: Iqbal Qureshi
Lyricist(s)
: Jan Nisar Akhtar
 Part i-
 Aaya hai tere dar peh savalee
 Daman naa meraa rah jaye khalee, aastane se tere........
 
 Part ii-
 Aaya hai tere dar peh savalee, tere liye toh hastee mita lee
 Jab too nahee toh rah gaya kya, mujhko kabar kya mujhko pata kya
 Kya chiz kho dee kya chiz pa lee, tere liye toh hastee
 
 Iss dar peh e dil khalee sada de, mujhko pata kya jane woh kya de
 Ai jane aalam kasa hai khalee, tere liye toh hastee
 पार्ट ई-
 आया है तेरे दर पह सावली
 दामन ना मेरा रह जाए खाली, आस्ताने से तेरे........
 
 पार्ट ईई-
 आया है तेरे दर पह सावली, तेरे लिए तो हस्ती मिटा ली
 जब टू नही तो रह गया क्या, मुझको कबार क्या मुझको पता क्या
 क्या चीज़ खो डी क्या चीज़ पा ली, तेरे लिए तो हस्ती
 
 इश्स दर पह ए दिल खाली सदा दे, मुझको पता क्या जाने वो क्या दे
 आई जाने आलम कसा है खाली, तेरे लिए तो हस्ती 

Aashao Ke Sawan Me lyrics

Song
: Aashao Ke Sawan Me
Movie
: Aasha
Singer(s)
: Mohammad Rafi, Lata Mangeshkar
Music By
: Laxmikant-Pyarelal
Lyricist(s)
: Anand Bakshi


 Aashao ke sawan me - (2)
 Umango ki bahar me
 Tum mujhko dhundho, main kho jau pyar me
 Aashao ke sawan me..........
 
 Sur se ye jeewan sangit bana
 Teri payal chanki git bana - (2)
 Cham cham ghungharu gate hain - (2)
 Aao aao tumhe ham pehnate hain
 Git piro ke in sanso ke har me
 Aashao ke sawan me...........
 
 Jalte angaro ko chhed gayi
 Rut mann ke taro ko chhed gayi
 Mann me dip jale sargam se
 Sat suro ke is sangam me
 Ye sapno ke phul khile sansar me
 Aashao ke sawan me........... 


 आशाओ के सावन मे - (2)
 उमँगो की बाहर मे
 तुम मुझको ढुंढ़ो, मैं खो जौ प्यार मे
 आशाओ के सावन मे..........
 
 सुर से ये जीवन संगीत बना
 तेरी पायल चंकी गीत बना - (2)
 छम छम घुंघरू गाते हैं - (2)
 आओ आओ तुम्हे हम पहनते हैं
 गीत पिरो के इन सांसो के हर मे
 आशाओ के सावन मे...........
 
 जलते अंगरो को च्छेद गयी
 रुत मॅन के तरो को च्छेद गयी
 मॅन मे दीप जले सरगम से
 सात सुरो के इस संगम मे
 ये सपनो के फूल खिले संसार मे
 आशाओ के सावन मे...........
 

Aapse Pyar Hai Lyrics

Song
: Aapse Pyar Hai
Movie
: Leader
Singer(s)
: Mohammad Rafi, Asha Bhosle
Ra : aajakal shauq-e-diidaar hai
 Kyaa kahu aapase pyaar hai
 Aajakal shauq-e-diidaar hai
 ( kyaa kahuu ) -2 aapase pyaar hai
 
 Aa : merii jaanib se inkaar hai
 Meri jaanib se inkaar inkaar hai
 Kyaa karuu main agar pyaar hai
 ( kyaa karuu ) -2 main agar pyaar hai
 
 Ra : pyaar vo cheez hai jisase o naazaniin
 Pahale inkaar karate hain saare hasiin
 Phir kahate hain ikaraar hai
 Phir ye kahate hain ikaraar ikaraar hai
 
 Aa : chhotaa munh aur badi baat mat bhuuliye
 Dekhiye apanii auqaat mat bhuulie
 Kissaa-e-ishq bekaar hai
 Kissaa-e-ishq bekaar bekaar hai
 
 Ra : aapaki har adaa par main qurbaan hoon
 Kuchh taras khaaie main bhi insaan hoon
 Kisliye mujhase takaraar hai
 Kisliye mujhase takaraar takaraar hai
 
 Aa : sun sakenge na ham aapki iltijaa
 Jaa ke diijie kisi aur dar pe sadaa
 Yahaan dil hai na dildaar hai
 Yahaan dil hai na dildaar diladaar hai
 
 Ra : jaan-e-man ab to milane kaa vaadaa karo
 Aa : ham nahiin jaanate tum jiyo yaa maro
 Ra : guftaguu kaa ye ki tariikaa nahi
 Aa : aur tumako bhii koi saliikaa nahi
 Ra : merii ulfat kii insult yuu na karo
 Aa : you shut-up
 Ra : you shut-up
 Aa : you shut-up. idiot apanaa raastaa chalo
 Ra : yuu naa tadapaao aashiq ko dekho
 रा : आजकल शौक़-ए-दीईडार है
 क्या काहु आपसे प्यार है
 आजकल शौक़-ए-दीईडार है
 ( क्या काहुउ ) -2 आपसे प्यार है
 
 आ : मेरी जानिब से इनकार है
 मेरी जानिब से इनकार इनकार है
 क्या करूउ मैं अगर प्यार है
 ( क्या करूउ ) -2 मैं अगर प्यार है
 
 रा : प्यार वो चीज़ है जिससे ओ नाज़नीीन
 पहले इनकार करते हैं सारे हस्िईन
 फिर कहते हैं इकरार है
 फिर ये कहते हैं इकरार इकरार है
 
 आ : छ्होता मुँह और बड़ी बात मत भूऊलिए
 देखिए अपनीी औक़ात मत भूऊलिए
 किस्सा-ए-इश्क़ बेकार है
 किस्सा-ए-इश्क़ बेकार बेकार है
 
 रा : आपकी हर आडया पर मैं क़ुरबान हूँ
 कुच्छ तरस खाइए मैं भी इंसान हूँ
 किसलिए मुझसे तकरार है
 किसलिए मुझसे तकरार तकरार है
 
 आ : सुन सकेंगे ना हम आपकी इल्टीजा
 जेया के डीिजीए किसी और दर पे सदा
 यहाँ दिल है ना दिलदार है
 यहाँ दिल है ना दिलदार दिलदार है
 
 रा : जान-ए-मान अब तो मिलने का वादा करो
 आ : हम नहिीन जानते तुम जियो या मरो
 रा : गुफ्तग्ूउ का ये की टरीिका नही
 आ : और तुमको भीइ कोई सलीइका नही
 रा : मेरी उलफत किी इन्सल्ट यूउ ना करो
 आ : योउ शूट-उप
 रा : योउ शूट-उप
 आ : योउ शूट-उप. ईडियट अपना रास्ता चलो
 रा : यूउ ना तड़पाओ आशिक़ को देखो
 

Aapko Pyar Hua Pyar Khuda Ki Kudrat Lyrics

Song
: Aapko Pyar Hua Pyar Khuda Ki Kudrat
Movie
: Vachan (1974)
Singer(s)
: Mohammad Rafi
Music By
: Shankar-Jaikishan
Lyricist(s)
: Hasrat Jaipuri
Aapko pyar hua pyar khuda ki kudrat
 Aapne kar liya ikrara khuda ki kudrat
 Khuda ki kudrat khuda ki kudrat
 Aapko pyar hua pyar khuda ki kudrat
 
 Jo mujhse dur rahte the
 Wo mere pas aaye hai
 Lipat te hai wo daman ne
 Najar me pyara laye hai - 3
 Aaj kuch or hai asan khud ki kudrat
 Khuda ki kudrat khuda ki kudrat
 Aapko pyar hua pyar khuda ki kudrat
 
 Bana gujar ek shola asar hai meri ulfat ka
 Jhuki pathar ki ek murat
 Karishma hai ye kismat ka - 3
 Khuda ki kudrat khuda ki kudrat
 Aapko pyar hua pyar khuda ki kudrat
 
 Rahe gairo ke pahlu me
 Yahi wo jane aalam hai
 Mujhe awara kahte the
 Yahi wo mere hum dum hai - 3
 Jan dene ko hai pyar khuda ki kudrat
 Khuda ki kudrat khuda ki kudrat
 (Aapko pyar hua pyar khuda ki kudrat
 Khuda ki kudrat) - (2)
आपको प्यार हुआ प्यार खुदा की कुद्रट
 आपने कर लिया इकररा खुदा की कुद्रट
 खुदा की कुद्रट खुदा की कुद्रट
 आपको प्यार हुआ प्यार खुदा की कुद्रट
 
 जो मुझसे दूर रहते थे
 वो मेरे पास आए है
 लिपट ते है वो दामन ने
 नज़र मे प्यारा लाए है - 3
 आज कुछ ओर है आसान खुद की कुद्रट
 खुदा की कुद्रट खुदा की कुद्रट
 आपको प्यार हुआ प्यार खुदा की कुद्रट
 
 बना गुजर एक शोला असर है मेरी उलफत का
 झुकी पठार की एक मूरत
 करिश्मा है ये किस्मत का - 3
 खुदा की कुद्रट खुदा की कुद्रट
 आपको प्यार हुआ प्यार खुदा की कुद्रट
 
 रहे गैरो के पहलू मे
 यही वो जाने आलम है
 मुझे आवारा कहते थे
 यही वो मेरे हम दूं है - 3
 जान देने को है प्यार खुदा की कुद्रट
 खुदा की कुद्रट खुदा की कुद्रट
 (आपको प्यार हुआ प्यार खुदा की कुद्रट
 खुदा की कुद्रट) - (2) 
 

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